Considerations To Know About sidh kunjika
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
On chanting on the whole, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we hear, and the more we attune ourselves to your vibration of what's becoming explained, then the greater We are going to inculcate that Angle. Our intention click here amplifies the attitude.”
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि ।